रविवार, 17 अक्तूबर 2010

प्रेमचंद की सामाजिक चिंताएं







जो लोग प्रेमचंद को गैर दलित साहित्यकार कहकर उन्हें खारिज करना चाहते हैं, उन्हें शैलेन्द्र चौहान का यह आलेख इसलिए पढ़ना चाहिए ताकि उन्हें मालूम हो की प्रेमचंद ही वह पहले लेखक थे जिन्होंने दलित, पीड़ित और उपेक्षित समाज का असल चित्र पूरी दुनिया के सामने अपने साहित्य के जरिये रखा था।

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