गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

पर्सनल ला के संहिताबद्ध होने से दर कैसा!




डाक्टर असगर अली इंजीनिअर का यह आलेख मुसलमानों के भीतर पनप रहे भय को उजागर करता है।

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