गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

जीवन चालीसा




यशवंत सिंह का यह आलेख उनके अब तक के जीवन के सोपान को हम सबके बीच आलोकित करता है। एक इमानदार आदमी का इमानदार लेखन। यह लेख इंगित करता है की भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में यशवंत अपना मुकाम अवश्य बना जायेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें