गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

सीखना दिल से....






















असल में यह पुस्तक अंश है संयुक्त की इसी शीर्षक की किताब से। दसवीं-बारहवीं के बाद क्या? जिन बच्चों के समक्ष यह सवाल होता है, उन्हें संयुक्त की यह किताब अवश्य पढ़नी चाहिय। और जिनके भीतर अपने भविष्य को लेकर कोई सवाल उपस्थित नहीं होता उन्हें तो यह किताब पढ़नी ही पढ़नी चाहिए।

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