रविवार, 17 अक्तूबर 2010

ब्लागगिंग कार्यशाला, आक्सीजन और दिल तो पागल है




बहुत सोचने के बाद यही शीर्षक सूझा इस बेहतरीन रपट का। यशवंत सिंह भड़ास फॉर मीडिया डाट काम नामक वेबसाइट चलाते हैं। पिछले कुछ समय से इनकी कलम भी पुनः चलने लग पड़ी है। वर्धा के महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिनी ब्लॉगर सम्मलेन में यशवंत भी पूरी मुस्तैदी से उपस्थित थे। वहाँ से लौटकर उन्होंने कमाल की रपट लिखी, जो उनके वेबसाइट से हमने अपने पाठकों के लिए साभार ली है। रपट के बारे में ज्यादा बताना ठीक नहीं आप पढ़िए।

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