फाल्गुन विश्व एक ऐसी पत्रिका है, जो समय-सत्ता-समाज से सार्थक संवाद के साथ करूणा-न्याय-समता का संवहन भी करती है. फाल्गुन विश्व विचार शून्य होती जा रही इस धरती पर वैचारिक-सांस्कृतिक पत्रकारिता की अलख जगाए रहने को कृतसंकल्प है. प्रतिबद्धता और सरोकार के इस मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है...
इस लेख में अत्यंत ही रोचक तरीके से जनकवि बाबा नागार्जुन के भावबोध का अध्ययन किया गया है। इस लेख के लेखक का नाम पता नहीं चल पाया है। यदि पढ़ने के बाद किसी को लेखक का नाम मालूम हो जाये तो जरूर बताएं।
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