बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

अज्ञेय की डायरी के अंश

इस वर्ष अज्ञेय जी की भी जन्मशती मनाई जा रही है. उनकी डायरी से गुजरना मानों उनके भीतर की उस इंसान से साक्षात्कार करना है, जिस तक पैठ का और कोई दूसरा जरिया नहीं है.



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