बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

नालंदा और विज्ञान की खोज

नालंदा और विज्ञान की खोज
इस शीषक से डॉ. अमर्त्य सेन ने गत दिनों चेन्नई में एक भाषण दिया था, जिसका हिंदी तर्जुमा कर यहाँ अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत किया गया है. यह भाषण इसलिए भी पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि आम तौर पर लोगों का मानना है कि भारत में विज्ञान सम्मत शिक्षा अंग्रेजों की देन है, यकीं जानिए उन तमाम लोगों की आँख खुल जाएगी.




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