फाल्गुन विश्व एक ऐसी पत्रिका है, जो समय-सत्ता-समाज से सार्थक संवाद के साथ करूणा-न्याय-समता का संवहन भी करती है. फाल्गुन विश्व विचार शून्य होती जा रही इस धरती पर वैचारिक-सांस्कृतिक पत्रकारिता की अलख जगाए रहने को कृतसंकल्प है. प्रतिबद्धता और सरोकार के इस मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है...
मोहनदास करमचंद गाँधी, जिन्हें हम आज महात्मा गाँधी के नाम से जानते हैं, ने अपने साप्ताहिक अखबार 'यंग इंडिया' में २७ मार्च १९३० को यह लेख लिखा, देखिया आज भी यह कितना प्रासंगिक है..., यह लेख अफलातून जी के फेसबुक नोट्स से साभार...
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