सोमवार, 15 अगस्त 2011

रंग अमो

वयोवृद्ध चित्रकार अरुण मोरघड़े जी इस १४ को ८५ वर्ष हो गए हैं... हालांकि फाल्गुन विश्व का अगस्त अंक इन्हीं  मूर्धन्य चित्रकार पर केन्द्रित होना था, लेकिन तकनीकी वजहों से यह संभव नहीं हो पाया. हम उन पर एक पुस्तिका प्रकाशित कर रहे हैं, जो बहुत जल्द आपके हाथों में होगी, इस अंक में अरुण मोरघड़े जी पर चार पृष्ट हैं, जिसमें सुभाष तुल्सीता और रत्नाकर भेलकर की कविताएं, संजय मेश्राम, रज्जन त्रिवेदी और डॉक्टर हनुमंत नायडू के आलेख हैं. यह समस्त सामग्री उन पर प्रकाशित हो रही पुस्तिका से ही हैं. 





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