मंगलवार, 10 मई 2011

रॉक डाल्टन एवं प्रभात रंजन की कविताएँ



तुम्हारी तरह
आज़ादी के आंकड़े
२७ साल
कविता से
यकीन

बार-बार लौटा हूँ
दूर कौन गुनगुनाता है

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