मंगलवार, 10 मई 2011

रवि बुले की चार कविताएँ एवं रुस्तम की एक कविता



खोजो
शामिल है मेरे सपनों में तुम्हारे भी
मेरा-तुम्हारा दुःख
तुम होगी जहां

प्रेम की भूमि पर हमने घृणा को भी पलते देखा है

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