बुधवार, 17 नवंबर 2010

शिक्षक सर, टीचर मैडम, आइये बच्चों को मार दें


मासूम मन पर सब से ज्यादा प्रभाव स्कूलों का होता है। लेकिन आजकल के स्कूल मासूम मन की मासूमियत के किस तरह हत्या कर रहे हैं इसी की बानगी है फतेहचंद की इस कविता में। इस कविता को ही इस बार हमने प्रथम बात स्तम्भ का विषय बनाया है।

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