रविवार, 20 फ़रवरी 2011

फरवरी आवरण


भीतरी आवरण पृष्ठों पर फैज़ अहमद फैज़



विषय-वस्तु पृष्ठ


प्रथम बात में इस बार योगेन्द्र कृष्णा की दो कविताएं


भारत में विद्रोह

पढ़ने पर ही समझा जा सकेगा


एशियाई पूंजीवादी विकास की नयी चुनौतियां



जैतापुर : अँधेरा फैलाने वाली बिजली

आशीष कुमार 'अंशु' की रपट 




रविशंकर रवि के अनुभव

रविशंकर रवि बाँट रहे हैं अपना एक ख़ास अनुभव.


साइबर वार

बिना गोली बन्दूक, बिना बहाए खून, कैसे लड़ा जाएगा साइबर वार बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार चंडीदत्त शुक्ल.


संयोग-वियोग में लिपटे एक प्रेमी के नोट्स

रजनीश शुक्ल ने एक प्रेमी के नोट्स पढ़ लिए, क्या है उसमे आपको बता रहे हैं..


मनुषत्यव, साहित्य और धर्म

जगदीश्वर चतुर्वेदी का विचारोत्तेजक विश्लेषण



कहानी ग्राम सरकार

युवा साहित्यकार हेमधर शर्मा की मार्मिक कहानी ग्राम सरकार 

हम भूल गए राधाकृष्ण को, जन्मशती गुजर गई


शाहिद आजमी के बिना एक साल

११ फरवरी को शाहिद आजमी की पहली पुण्यतिथि थी, शाहिद को शिद्दत से याद कर रहे हैं महताब आलम, यह आलेख रविवार.कॉम से साभार लेकर प्रकाशित किया गया है.


अरब विश्व दहक रहा है

अरब विश्व दहक रहा है 
नोम चोमस्की का यह आलेख अंग्रेजी से अनुवाद है. किस तरह अमेरिका के इशारे पर अरब देशों में विद्रोह की चिंगारी सुलग रही है, आलेख का यही मौजूं है.



'साम्प्रदायिक दंगे-२०१०'

डाक्टर असगर अली इंजीनिअर के स्तम्भ तात्पर्य में इस बार 'साम्प्रदायिक दंगे-२०१०'


बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

जनवरी का आवरण

जनवरी का आवरण पृष्ठ. आवरण पर जो तस्वीर पर है, इस पर अपनी राय से हमें जरूर अवगत कराएं.

विषय-वस्तु

विषय-वस्तु पृष्ठ


लोकमानस

लोकमानस यानी आपकी चिट्ठियां

प्रथम बात

प्रथम बात में इस बार मेरा समय-मेरा समाज

श्रीप्रकाश मिश्र जी का वैचारिक निबंध 'सृजन और नयी मनुष्यता की समस्याएँ'

श्रीप्रकाश मिश्र जी का वैचारिक निबंध 'सृजन और नयी मनुष्यता की समस्याएँ'
न कि सिर्फ इस निबंध को पढ़ा जाना चाहिए, बल्कि इस पर समूचे देश में एक बहस भी करायी जानी चाहिए. यह निबंध नयी जमीन रचता है, सृजन की इच्छा रखने वालों के लिए.





अज्ञेय की डायरी के अंश

इस वर्ष अज्ञेय जी की भी जन्मशती मनाई जा रही है. उनकी डायरी से गुजरना मानों उनके भीतर की उस इंसान से साक्षात्कार करना है, जिस तक पैठ का और कोई दूसरा जरिया नहीं है.



'अचम्भे का रोना' पर मनीषा कुलश्रेष्ठ

चित्रकार यों अपनी कूची और रंगों की भाषा में बात करता हैं, लेकिन जब वह लिखता है, तो किस तरह आध्यात्म की पराकाष्ठ होती है, बता रही हैं देश की लाड़ली साहित्यकार मनीषा कुलश्रेष्ठ. मनीषा की टिपण्णी किताब को खरीदकर पढ़ने के लिए प्रेरित करती है.




शमशेर की कविताई

शमशेर की कविताई
वरिष्ठ कवि शैलेन्द्र चौहान ने मूर्धन्य कवि शमशेर सिंह के कविताओं और कविताई को समझने का साहस किया है. आइये देखें वे कितने सफल हैं.






नालंदा और विज्ञान की खोज

नालंदा और विज्ञान की खोज
इस शीषक से डॉ. अमर्त्य सेन ने गत दिनों चेन्नई में एक भाषण दिया था, जिसका हिंदी तर्जुमा कर यहाँ अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत किया गया है. यह भाषण इसलिए भी पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि आम तौर पर लोगों का मानना है कि भारत में विज्ञान सम्मत शिक्षा अंग्रेजों की देन है, यकीं जानिए उन तमाम लोगों की आँख खुल जाएगी.




डॉ. असगर अली इंजिनीअर का स्तम्भ 'तात्पर्य'

डॉ. असगर अली इंजिनीअर का स्तम्भ 'तात्पर्य', इस बार डॉ. साहब ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर रहे सलमान तासीर की हत्या के कारणों की पड़ताल की है और कट्टरपंथियों को आड़े हाथों लिया है.


अंतिम पृष्ठ पर यह सदस्यता प्रपत्र

कई पाठकों के सुझाव थे कि हमें पत्रिका में सदस्यता प्रपत्र प्रकाशित करना चाहिए ताकि कोई सदस्य बनना चाहे तो झट काम से लग जाए. इसीलिए इस बार पत्रिका के अंतिम पृष्ठ पर यह सदस्यता प्रपत्र.